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Showing posts from April, 2021

कण्ठमाला (Tonsillitis)

कण्ठमाला (Tonsillitis) कण्ठमाला रोग से पीड़ित रोगी की गर्दन में गांठें हो जाती हैं जिसके कारण उसके शरीर में मल का विष अधिक बढ़ जाता है जिसकी सफाई होना बहुत बहुत आवश्यक है। The patient suffering from mumps gets lumps in his neck, due to which the poison of stool increases in his body, which is very important to be cleaned. कण्ठमाला का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार Treatment of mumps with naturopathy :- इस रोग को ठीक करने के लिए रोगी को 2 दिन के लिए उपवास रखना चाहिए और उपवास के समय में केवल फलों का रस पीना चाहिए तथा एनिमा क्रिया करके पेट को साफ करना चाहिए। इसके बाद रोगी को प्रतिदिन उदरस्नान तथा मेहनस्नान करना चाहिए। To cure this disease, the patient should fast for 2 days and drink only fruit juice during fasting and clean the stomach by doing enema. After this, the patient should take an abdominal bath and a hard bath every day. कण्ठों के पास की गांठों पर भापस्नान देकर दिन में 3 बार मिट्टी की पट्टी बांधनी चाहिए और रात के समय में इन गांठों पर हरे रंग की बोतल का सूर्यतप्त तेल लगाना चाहिए। Aft...

B-HIV / AIDS बी- एच आई वी/एड्स

एच आई वी और एड्स क्या है?  What is HIV and AIDS? एड्स का अर्थ है अर्जित रोधन अभाव संलक्षण (Acquired Immune Deficiency Syndraoure) एड्स एच आई वी (मानव की रोधनक्षमता को कमजोर करने वाला वायरस) से होता है जो कि शरीर की रोधनक्षमता पर प्रहार करताहै जिसका काम शरीर को छूत या संक्रामक रोगों से बचाना होता है। इस सुरक्षा कवच के बिना एड्स वाले लोग भयानक छूत के रोगों और कैंसर आदि से पीड़ि हो जाते हैं। AIDS means Acquired Immune Deficiency Syndraoure Aids are caused by HIV (a human weakening virus) that attacks the immunity of the body, whose job is to protect the body from contagion or infectious diseases. is. Without this protective shield, people with AIDS suffer from terrible contagious diseases and cancer etc. यह कैसे फैलता है?  How does it spread? एक संक्रमित व्यक्ति से एच आई वी क छूत दूसरे व्यक्ति तक वीर्य, योनि स्राव अथवा रक्त के देने-लेने से पहुंचती है। यह (1) यौन परक सम्भोग (2) एक इंजैक्शन की सुई का दूसरे व्यक्ति के लिए प्ररयोग करने से (3) एक संक्रमित मां से उसके बच्चे को जन्म या ...

Blennenteria श्वेत प्रदर

श्वेत प्रदर होने पर स्त्री की योनि से सफेद रंग का चिकना स्त्राव पतले या गाढ़े रूप में निकलने लगता है| इस प्रदर में तीक्ष्ण बदबू उत्पन्न होती है| ऐसे में दिमाग कमजोर होकर सिर चकराने लगता है| स्त्री को बड़ी बैचेनी एवं थकान महसूस होती है| When white leucorrhoea, the smooth discharge of white color from the woman's vagina starts coming out in a thin or thick form. The pungent odor is produced in this leucorrhoea. In such a situation, the brain weakens and starts moving the head. A woman feels very restless and tired. कारण cause खून की कमी, चिन्ता, शोक, भय, सम्मान की कमी, अधिक सम्भोग, भावनात्मक कष्ट, अजीर्ण, कब्ज, मूत्राशय की सूजन आदि कारणों से स्त्रियों को श्वेत प्रदर हो जाता है| Women get white leucorrhoea due to lack of blood, anxiety, bereavement, fear, lack of respect, excessive sex, emotional distress, indigestion, constipation, bladder inflammation etc. पहचान identification योनि मार्ग से सफेद रंग का पतला-पतला स्त्राव निकलता है| कभी-कभी गाढ़ा लेसदार स्त्राव चिपचिपे श्लेष्मा क...

Bahrom-oriented (collectopic) womb बाह्रोन्मुख (इकटोपिक) गर्भ

बाह्रोन्मुख गर्भ क्या है?  What is a fetus oriented fetus? बाह्रोन्मुख गर्भ वह जिसमें उर्वरित अण्डे का रोपण किया जाता है और जो गर्भाशय के बाहर विकसित होता है। सामान्यतः ट्यूब मे होता है। प्राकॉतिक रूप में ट्यूब में उसका उर्वरण होता है और फिर वह उर्वरित अण्डा गर्भाशय में जाता है परन्तु नली (ट्यूब) में होने वाले गर्भ में वह ट्यूब में ही रहता है। Bahromatic womb is one in which fertilized eggs are planted and which develop outside the uterus. Usually occurs in the tube. In the natural form, it is exposed in the tube and then it goes into the fertilized egg in the uterus, but in the womb (tube), it stays in the tube itself. बाह्रोन्मुख गर्भ के मुख्य लक्षण क्या हैं?  What are the main symptoms of an outward-facing pregnancy? चार मुख्य लक्षण हैं- अल्पावधि के पीरियडस का अभाव (एमीनोरहोई) पेट में तेज दर्द योनि से रक्त स्राव चक्कर आना, उल्टी होना और बहोशी के दौरे। बाह्रोन्मुख गर्भ का सन्देह होने पर क्या करें?  What to do if there is a suspicion of a multi-faced pregnancy? महिला को ...

Prolapse अंग भ्रंश (प्रोलैप्स)

अंग भ्रश क्या होता है?  What is an organ fracture? अण्डाशय, ब्लैडर (मूत्राशय), मूत्रमार्ग और मलाशय जैसे जननेन्द्रि सम्बन्धी अंगों का योनि मे गिर जाने का अर्थ है अंग भ्रंश। Falling of the genitourinary organs such as the ovaries, bladder, urethra and rectum into the vagina means organ fracture. अंग भ्रंश के कारण क्या हैं?  What are the causes of limb fractures जननेन्द्रिय की मांसपेशियों में कमजोरी के कारण अंग भ्रंश होता है- जो कि (1) बार-बार बच्चे के जन्म (2) वृद्दावस्था (3) फ्राइब्रायड के कारण मत्राशय मे थक्के आ जाने से (4) मोटापे या (5) रीढ़ की हड्डी में घाव होने से हो जाती है। Weakness in the genitourinary muscles leads to limb fractures - which are (1) repeated childbirth (2) old age (3) Fibroid due to clotting in the bladder (4) obesity or (5) spinal cord It is caused by a wound in it. अंग भ्रंश के सामान्य लक्षण क्या हैं?  What are the common symptoms of limb fractures? हर प्रकार के अंग भ्रंश में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं- (1) जननेन्द्रिय में भारीपन का बोध होता है या...

Cancer of the scrotum अण्डकोश का कैंसर

किन महिलाओं को अण्डकोश का कैंसर होने का खतरा होता है?  Which women are at risk of scrotum cancer? अण्डकोश के कैंसर के निश्चत कारणों की जानकारी नहीं है। फिर भी, शोधकार्यों से पता चलता है कि निम्नलिखित कारण रोग की सम्भावनाओं को बढ़ा सकते हैं। The exact cause of cancer of the scrotum is not known. Nevertheless, research shows that the following reasons may increase the chances of the disease. (1) पारिवारिक इतिहासः जिस महिला के प्रथम सम्बन्धी (मां, बहन, बेटी) अण्डकोश के कैंसर रोग से ग्रस्त रह चुकी हो उन्हें यह रोग हो जाने का बड़ा खतरा रहता है। Family history: Women whose first relatives (mother, sister, daughter) have suffered from cancer of scrotum are at great risk of getting this disease. (2) आयुः आयु वृद्धि के साथ ही इसकी सम्भावनाएं बढ़ती हैं। सामान्यतः अण्डकोश के कैंसर पचास वर्ष से ऊपर की महिलाओं को होते हैं, साठ से ऊपर वालों को सबसे अधिक खतरा रहता है। Age: Its chances increase with age increase. Generally, cancer of the scrotum occurs above the age of fifty, and those above sixty...

Sex enhancer सेक्स शक्ति को बढ़ाने वाले

बाजारों में अधिक मात्रा में सेक्स शक्ति को बढ़ाने वाली दवाईयां भी मिलती है। जिसे लोग इन दवाईयों को काफी मात्रा में प्रयोग कर रहे हैं। वे लोग यह नहीं जानते हैं कि ये दवाईयां उनके शरीर पर कितना गलत प्रभाव ड़ालती है। कुछ ऐसे घरेलू उपाय है जिनको आप खुद ही तैयार करके प्रयोग में ला सकते हैं। ये घरेलू नुस्खें सरल, सस्ते, नुक्सान रहित तथा लाभदायक है। ये घरेलू नुस्खें इस प्रकार हैः- Medicines that increase sex power are also found in large quantities in the shops. Which people are using these medicines in large quantities. Those people do not know how much wrong effect these medicines have on their body. There are some home remedies that you can prepare yourself and use. These home remedies are simple, cheap, non-toxic and profitable. These home remedies are as follows: - 1. आंवलाः-  2  चम्मच आंवला के रस में एक छोटा चम्मच सूखे आंवले का चूर्ण तथा एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से सेक्स शक्ति धीरे-धीरे बढ़ती चली जाएगी। Amla: - Two teaspoons of goo...