Measures to increase sex (sexual) strength सेक्स (यौन) शक्ति बढ़ाने के उपाय
- रोज सुबह सवेरे नाश्ते में एक ग्लास टमाटर के रस में एक दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से ताकत बढ़ती है।Every morning in the morning, a glass of tomato juice mixed with a couple of teaspoons of honey for breakfast, increases strength.
- सेक्स शक्ति बढ़ाने के लिए रोजाना सौ ग्राम छुहारे दूध के साथ खाएं।
- To increase sex power, eat 100 grams daily with date milk.
- दस-पन्द्रह मुनक्कों को पानी में धो कर दूध में उबालें। इससे वह फूल कर मीठे हो जाएंगे। आप इन्हें खाकर ऊपर से वही दूध पी लें। सेक्स शक्ति में इजाफा होगा।
- Wash ten-fifteen monkeys in water and boil them in milk. With this, they will flower and become sweet. You should eat them and drink the same milk from above. Sex power will increase.
- ४ * लहसुन को सेक्स शक्ति बढ़ाने और सेक्स संबंधी कमजोरी दूर करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। लहसुन की दो-तीन कलियां कच्ची ही खाने से सेक्स क्षमता बढ़ती है।
- Garlic is considered to be very good for increasing sex power and for alleviating sex weakness. Eating two to three buds of garlic increases the sex capacity.
- कूटे हुए छुहारे, पिस्ता, बादाम व बेल फल के बीज को समान मात्रा में मिलाकर खाने से पुरूषों की यौन क्षमता बढ़ती है।
- The sexual ability of men is increased by eating equal quantity of seeds of ground date palm, pistachio, almond and vine fruit.
- सर्दी का मौसम हो तो सुबह दो-तीन खजूर घी में भूनकर नियमित रूप से खाने से भी ताकत में इजाफा होता है।
- If it is winter, then roasting two-three dates in ghee in the morning and eating regularly also increases the strength.
- प्याज का रस सेक्स शक्ति बढ़ाने का कारगर उपाय है। विशेषकर सफेद प्याज (जोकि आमतौर पर बाजार में मिलती नहीं है। इसलिए जब भी आपको बाजार में सफेद प्याज दिखाई दे, तो तुरंत खरीद लें)। आप रोज प्याज का रस पीएं। रस पीना रोज संभव न हो तो कच्ची प्याज सलाद में अधिक अधिक मात्रा में खाएं। सेक्स शक्ति को बल मिलेगा।
- Onion juice is an effective way to increase sex power. Especially white onion (which is not usually found in the market. So whenever you see white onion in the market, buy immediately). Drink onion juice every day. If it is not possible to drink juice daily, then eat more quantity in raw onion salad. Sex power will be strengthened.
- एक ग्राम जायफल का चूर्णं सुबह ताजे पानी के साथ लेने से सेक्स क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।
- Taking one gram nutmeg powder with fresh water in the morning increases the sex capacity.
- यदि सेक्स करने की इच्छा में कमी आई है, तो आप १५० ग्राम गाजर को काटकर हाफ बॉयल्ड अंडा और एक चम्मच शहद मिलाकर दो ढाई माह तक दिन में एक बार खाएं। सेक्स के प्रति अरूचि दूर हो जाएगी।
- If the desire to sex has decreased, you can cut 150 grams of carrots and mix half a boiled egg and a teaspoon of honey and eat it once a day for two and a half months. Anorexia will go away from sex.
- छह मिलीग्राम प्याज का रस, ढाई चम्मच शहद, ३ ग्राम घी एक साथ मिलाकर रोज शक्कर मिला दूध पिएं। यह नुस्खा दो तीन माह तक इस्तेमाल करने से वीर्य में वृद्धि होती है और वीर्य गाढ़ा हो जाता है। वीर्य यदि गाढ़ा हो गया तो ठहराव भी ज्यादा देर तक होगा और आप संतुष्ट हो पाएंगें।
- Drink milk mixed with six milligrams of onion juice, two and a half teaspoons of honey, 3 grams of ghee together. Using this recipe for two to three months increases the semen and makes the semen thick. If the semen becomes thick, then the stagnation will be longer and you will be satisfied.
- १५ ग्राम सफेद मूसली की जड़ को एक कप दूध में उबालकर दिन में दो बार पिएं। इसके रोजाना सेवन से शीघ्रपतन से छुटकारा मिलता है साथ ही नपुसंकता भी दूर हो जाती है।
- Boil 15 grams of white musli root in a cup of milk and drink it twice a day. Its daily intake relieves premature ejaculation as well as impotence.
- बरसात के दिनों में रोज दो तीन बार जामुन खाने से भी बहुत लाभ होता है।
- Eating berries twice or thrice daily during rainy days is also very beneficial.
- दो सौ मिलीग्राम गाय के दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से वीर्य की कमी दूर हो जाती है।
- Two hundred milligrams of cow's milk mixed with one teaspoon of honey, drinking it reduces the lack of semen.
Dr. Manoj Bhai Rathore
Ayurveda Doctor
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क्या करे क्या न करे(स्वास्थ्य सुझाव)What to do, what not to do (health tips)
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आवश्यक दिशा निर्देश
1. हमारा आपसे अनुरोध है कि यदि आप किसी भी तरह के रोग से पीड़ित हैं तो आपको अपना इलाज किसी अनुभवी चिकित्सक की देख-रेख में ही कराना चाहिए क्योंकि बिना चिकित्सक की सलाह के दवा लेना और एकसाथ एक से अधिक पैथियों का प्रयोग करना हानिकारक हो सकता है।
2. अगर हमारी वेबसाइट में दिए गए नुस्खों या फार्मूलों से आपको किसी भी प्रकार की हानि होती है, तो उसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे, क्योंकि इन नुस्खों को गलत तरीके से लेने के कारण ये विपरीत प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। इसके अलावा आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रभाव रोगी की प्रकृति, समय और जलवायु के कारण अलग-अलग होता है।
3. औषधि का सेवन करते समय आपको अपने खान-पान (पथ्यापथ्य) का पूरा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि किसी भी रोग में औषधि के प्रयोग के साथ-साथ परहेज भी रोग को ठीक करने में महत्वपू्र्ण भूमिका निभाता है।
4. रोगी को कोई भी दवा देने से पहले यह जानना आवश्यक है कि रोग की उत्पत्ति किस कारण से हुई है। जिस कारण से रोग पैदा हुआ है उसकी पूरी जानकारी रोगी से लेनी बहुत जरूरी होती है, क्योंकि अधूरे ज्ञान के कारण रोगी का रोग कुछ होता है और उसे किसी अन्य रोग की औषधि दे दी जाती है। इसके परिणामस्वरूप रोगी की बीमारी समाप्त होने के बजाय असाध्य रोग में बदल जाती है।
5. शरीर को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाने के लिए शुद्ध आहार की जानकारी बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इस जानकारी से आप असाध्य से असाध्य रोग को जड़ से समाप्त कर शरीर को पूर्ण रूप से रोग मुक्त कर सकते हैं।
6. प्रत्येक पैथी में कुछ दवाईयां कुछ रोगों पर बहुत ही असरदार रूप से प्रभावकारी होती हैं।
7. प्रत्येक पैथी का अविष्कार आवश्यकता पड़ने पर ही हुआ है क्योंकि एक जवान और मजबूत आदमी को मसाज, एक्यूप्रेशर, एक्यूपेंचर, हार्डपेथियों एवं औषधियों द्वारा लाभ पहुंचाया जा सकता है लेकिन असाध्य रोग से पीड़ित, शारीरिक रूप से कमजोर और बूढ़े रोगियों पर इन पेथियों का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
8. आयुर्वेद और होम्योपैथिक के सिद्धांत बिल्कुल मिलते-जुलते हैं क्योंकि आयुर्वेद से ही होम्योपैथिक की उत्पत्ति हुई है जैसे- जहर को जहर द्वारा ही उतारा जा सकता है, कांटे को कांटे से ही निकाला जा सकता है।
9. रोगी के लक्षणों की जांच के दौरान चिकित्सक को तीन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, पहला-देखना, दूसरा-स्पर्श (छूना) और तीसरा- प्रश्न करना या रोगी से सवाल पूछना। महान ऋषि ‘सुश्रुत’ के अनुसार कान, त्वचा, आंख, जीभ, नाक इन 5 इन्द्रियों के माध्यम से किसी भी तरह के रोग की वास्तविकता की आसानी से पहचान की जा सकती है।
10. चिकित्सक को चाहिए कि, वह तीमारदार (रोगी की देखभाल करने वाला) से रोगी की शारीरिक ताकत, स्थिति, प्रकृति आदि की पूरी जानकारी लेने के बाद ही उसका इलाज करे।
11. चिकित्सक को इलाज करने से पहले रोगी को थोड़ी-सी दवा का सेवन कराके इस बात का अध्ययन करना चाहिए कि यह दवा रोगी की शारीरिक प्रकृति के अनुकूल है या नहीं।
12. जिस प्रकार व्याकरण के पूर्ण ज्ञान के बिना शिक्षक योग्य नहीं हो पाता है, उसी प्रकार से बीमारी के बारे में पूरी जानकारी हुए बिना किसी प्रकार की औषधि का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि हर औषधि के गुण-धर्म और दोष अलग-अलग होते हैं।
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