Skip to main content

जब वैजाइनल कैंसर के लक्षण/ कैंसर बढ़ जाए तब यह लक्षण दिखते है।These symptoms appear when the symptoms / cancer of vaginal cancer increases.

जब वैजाइनल कैंसर के लक्षण/ कैंसर बढ़ जाए तब यह लक्षण दिखते है।These symptoms appear when the symptoms / cancer of vaginal cancer increases.

वैजाइनल कैंसर या योनि का कैंसर औरतों में बहुत कम संख्या में पाया जाने वाला जनन संबंधी कैंसर हैं, जो औरतों के योनी की कोशिकाओं में होता है। किसी प्रकार का विशेष लक्षण ना होने के कारण बहुत सारी महिलाएं शुरूआती दौर में इसे जान नहीं पाती, इसके लक्षण कैंसर के बढ़ने के साथ-साथ बढ़ता है। पर ज्यादातर इसके कोई विशेष लक्षण नहीं होते।

Vaginal cancer or vaginal cancer is a very small number of reproductive cancers found in women, which occur in the vaginal cells of women. Due to lack of any special symptoms, many women do not know it in the initial stages, its symptoms increase as the cancer increases. But most do not have any specific symptoms.

जब कैंसर बढ़ जाए तब यह लक्षण दिखते है।These symptoms are seen when the cancer increases.

यो‍नि से अनियमित खून का प्रवाह Irregular blood flow

नियमित माहवारी या पीरियड के बीच के अंतराल में भी खून का आना, सहवास के बाद यौनी से खून आना, मेनोपॉश मेनोपॉज़ के बाद भी यो‍नि से खून का आना, यह इस कैंसर के प्राथमिक लक्षण है,यह लक्षण अस्पष्ट होते है जो ऐसे रोग अन्य यौन संबंधी रोग भी हो सकते है।

Bleeding in the interval between regular menstruation or period, vaginal bleeding after coitus, vaginal bleeding even after menopausal menopause, this is the primary symptom of this cancer, these symptoms are unclear which other such diseases Sexual diseases can also occur.

वैजाइनल डिस्चार्ज Vaginal discharge

यह प्रवाह गंधयुक्त और पीपदार होता है, ज्यादातर औरते योनि प्रवाह की परेशानी से अकसर जूझती है, लेकिन वह इस समस्या पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। कई बार तो ऐसे लक्षण अन्य यौन संबंधी रोग या संक्रमण भी हो सकते है। पर वैसे आमतौर पर इसके लक्षण समान होते है, अगर यह समस्या ज्यादा दिनों तक हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।Vaginal discharge

This flow is odorous and purulent, most women often suffer from vaginal flow problems, but they do not pay much attention to this problem. At times, such symptoms can also be caused by other sexual related diseases or infections. However, the symptoms are usually the same, if the problem persists for a long time, then see a doctor.

पेशाब में परिवर्तन Changes in urine

कुछ औरतों में सामान्य से ज्यादा पेशाब आने की समस्या होती है, पेशाब करते वक्त दर्द होता है, यौन कैंसर में पेशाब के लक्षणों से यह पता चल जाता है कि कैंसर ब्लैडर तक पहुंच चुका है, पंरतु कई बार अन्य यौन संबंधी रोग भी हो सकते है।

Some women have more than normal urination problems, pain while urinating, signs of urination in sexual cancer indicate that the cancer has reached the bladder, but sometimes other sexual diseases can also occur. is.

आंत में समस्या Intestinal problem

कुछ औरतों के आंत में समस्या आती है, जैसे- कांस्टिपेशन या काले रंग का मल होना, या पेट का साफ ना होना इत्यांदि। इस प्रकार की समस्या का मतलब है कि कैंसर मलाशय में है।

Some women have problems in the bowels, such as constipation or dark colored stool, or lack of cleanliness of the stomach, etc. This type of problem means that the cancer is in the rectum.

पेल्विक पेन Pelvic pen

आमतौर पर पेल्विक पेन यह दर्शाता है कि कैंसर पेल्विक बोन के हिस्से में हुआ है, कैंसर कोशिकाओं एवं लिंग में प्रवेश कर गया है। ऐसे में पैरों एवं आंत में दर्द रहता है, वैसे तो यह दर्द हल्कां होता है लेकिन कई बार यह दर्द बहुत तीव्र होता है।

The pelvic pen usually indicates that the cancer has occurred in part of the pelvic bone, the cancer has entered the cells and penis. In such a situation, there is pain in the legs and intestines, although this pain is Hulkan, but sometimes this pain is very intense.

योनि में भारीपन Vaginal heaviness

कुछ औरते योनि में भारीपन का अनुभव करती हैं, डॉक्टर द्वारा परिक्षण में इसके बढ़ने का पता चलता है। इस प्रकार का भारीपन कई बार योनि में सिस्ट या गांठ होने के कारण हो सकता है। डॉक्टण ही यह बता सकते है कि यह कैंसर है या नहीं।

Some women experience heaviness in the vagina, which is revealed by the doctor in the test. This type of heaviness can sometimes be due to cysts or lumps in the vagina. Doctors can tell whether it is cancer or not.

यह सभी लक्षण यौन कैंसर के कारण होते है, लेकिन कई बार तो अन्य यौन संबंधी रोग या संक्रमण भी हो सकते है। अगर आपको ऐसी कोई भी समस्या लम्बे समय से हो रही हो तो अपने डॉक्टरर को जरूर दिखाए, आपका डॉक्टर आपका पूरा परिक्षण करके यह बता पायेगा की आपको योनि कैंसर है या नहीं, इसका सही ईलाज करायें।

All these symptoms are caused by sexual cancer, but sometimes other sexual diseases or infections can also occur. If you have been experiencing any such problem for a long time, then show your doctor, your doctor will do your complete examination and tell whether you have a vaginal cancer or not.



Dr.Manoj Bhai Rathore 
Ayurveda Doctor
Email id:life.panelbox@gmail.com
क्या करे क्या न करे(स्वास्थ्य सुझाव)What to do, what not to do (health tips)
Self site:-see you again search आप फिर से खोज देखें
 yourselfhealthtips.blogspot.com


आवश्यक दिशा निर्देश
1. हमारा आपसे अनुरोध है कि यदि आप किसी भी तरह के रोग से पीड़ित हैं तो आपको अपना इलाज किसी अनुभवी चिकित्सक की देख-रेख में ही कराना चाहिए क्योंकि बिना चिकित्सक की सलाह के दवा लेना और एकसाथ एक से अधिक पैथियों का प्रयोग करना हानिकारक हो सकता है।
2. अगर हमारी वेबसाइट में दिए गए नुस्खों या फार्मूलों से आपको किसी भी प्रकार की हानि होती है, तो उसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे, क्योंकि इन नुस्खों को गलत तरीके से लेने के कारण ये विपरीत प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। इसके अलावा आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रभाव रोगी की प्रकृति, समय और जलवायु के कारण अलग-अलग होता है।
3. औषधि का सेवन करते समय आपको अपने खान-पान  (पथ्यापथ्य)  का पूरा ध्यान रखना चाहिए  क्योंकि किसी भी रोग में औषधि के प्रयोग के साथ-साथ परहेज भी रोग को ठीक करने में महत्वपू्र्ण भूमिका निभाता है।
4. रोगी को कोई भी दवा देने से पहले यह जानना आवश्यक है कि रोग की उत्पत्ति किस कारण से हुई है। जिस कारण से रोग पैदा हुआ है उसकी पूरी जानकारी रोगी से लेनी बहुत जरूरी होती है, क्योंकि अधूरे ज्ञान के कारण रोगी का रोग कुछ होता है और उसे किसी अन्य रोग की औषधि दे दी जाती है। इसके परिणामस्वरूप रोगी की बीमारी समाप्त होने के बजाय असाध्य रोग में बदल जाती है।
5. शरीर को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाने के लिए शुद्ध आहार की जानकारी बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इस जानकारी से आप असाध्य से असाध्य रोग को जड़ से समाप्त कर शरीर को पूर्ण रूप से रोग मुक्त कर सकते हैं।
6. प्रत्येक पैथी में कुछ दवाईयां कुछ रोगों पर बहुत ही असरदार रूप से प्रभावकारी होती हैं।
7. प्रत्येक पैथी का अविष्कार आवश्यकता पड़ने पर ही हुआ है क्योंकि एक जवान और मजबूत आदमी को मसाज, एक्यूप्रेशर,  एक्यूपेंचर, हार्डपेथियों एवं औषधियों द्वारा लाभ पहुंचाया जा सकता है लेकिन असाध्य रोग से पीड़ित, शारीरिक रूप से कमजोर और बूढ़े रोगियों पर इन पेथियों का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
8. आयुर्वेद और होम्योपैथिक के सिद्धांत बिल्कुल मिलते-जुलते हैं क्योंकि आयुर्वेद से ही होम्योपैथिक की उत्पत्ति हुई है जैसे- जहर को जहर द्वारा ही उतारा जा सकता है, कांटे को कांटे से ही निकाला जा सकता है।
9. रोगी के लक्षणों की जांच के दौरान चिकित्सक को तीन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, पहला-देखना,  दूसरा-स्पर्श  (छूना)  और तीसरा- प्रश्न करना या रोगी से सवाल पूछना। महान ऋषि ‘सुश्रुत’ के अनुसार कान,  त्वचा,  आंख,  जीभ, नाक इन  5 इन्द्रियों के माध्यम से किसी भी तरह के रोग की वास्तविकता की आसानी से पहचान की जा सकती है।
10. चिकित्सक को चाहिए कि, वह तीमारदार  (रोगी की देखभाल करने वाला)  से रोगी की शारीरिक ताकत,  स्थिति,  प्रकृति आदि की पूरी जानकारी लेने के बाद ही उसका इलाज करे।
11. चिकित्सक को इलाज करने से पहले रोगी को थोड़ी-सी दवा का सेवन कराके इस बात का अध्ययन करना चाहिए कि यह दवा रोगी की शारीरिक प्रकृति के अनुकूल है या नहीं।
12. जिस प्रकार व्याकरण के पूर्ण ज्ञान के बिना शिक्षक योग्य नहीं हो पाता है, उसी प्रकार से बीमारी के बारे में पूरी जानकारी हुए बिना किसी प्रकार की औषधि का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि हर औषधि के गुण-धर्म और दोष अलग-अलग होते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

अमर बेल से विभिन्न रोगों में सहायक Amar Bell helps in various diseases

अमर बेल से विभिन्न रोगों में सहायक Amar Bell helps in various diseases खुजली : अमर बेल को पीसकर बनाए गए लेप को शरीर के खुजली वाले अंगों पर लगाने से आराम मिलता है। Itching: Applying a paste made by grinding immortal vine on the itchy parts of the body provides relief. छोटे कद के बच्चों की वृद्धि हेतु : जो बच्चे नाटे कद के रह गए हो , उन्हें आम के वृक्ष पर चिपकी हुई अमर बेल निकालकर सुखाएं और उसका चूर्ण बनाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में सुबह - शाम पानी के साथ कुछ माह तक नियमित रूप से खिलाएं। For the growth of children of short stature:   Those children who are short in height, dry them out by taking out the immortal vine sticking on the mango tree and make a powder of it in a quantity of 1-1 teaspoon morning and evening with water regularly for a few months. Feed from सुजाक व उपदंश में : अमर बेल का रस दो चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करने से कुछ ही हफ्तों में इस रोग में पूर्ण आराम मि...

टी.बी की चिकित्‍सा क्‍या है? What is TB medicine?

टी.बी की चिकित्‍सा क्‍या है? What is TB medicine? आज ऐसी कारगर शक्तिशाली औषधियां उपलब्‍ध है, जिससे टी.बी. का रोग ठीक हो सकता है परन्‍तु सामान्‍यतया रोगी पूर्ण अवधि तक नियमित दवा का सेवन नहीं करता हे सीधी देख-रेख के द्वारा कम अवधि चिकित्‍सा टी.बी. रोगी को पूरी तरह से मुक्ति सुनिश्चित करने का सबसे प्रभावशाली तरीका है। Today, such powerful drugs are available, due to which TB Disease can be cured, but usually the patient does not take regular medicines for the full duration. The most effective way is to ensure complete discharge to the patient.  यह विधि स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा विश्‍वस्‍तर पर टी.बी. के नियन्‍त्रण के लिये अपनाई गई एक विश्‍वसनीय विधि है, जिसमें रोगी को एक-दिन छोडकर सप्‍ताह में तीन दिन कार्यकर्ता के द्वारा दवाई का सेवन कराया जाता है। This method is used globally by the Health Organization for TB. There is a reliable method adopted for the control of, in which the patient is given medicines by the worker three days a week except one day. डॉट्स विधि के अन्‍तर्गत चिकित्‍सा...

आपको स्वस्थ रखेंगे हींग/ Asafoetida will keep you healthy

आपको स्वस्थ रखेंगे हींग/ Asafoetida will keep you healthy हींग हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करती है। हींग बड़ी तीखी और दूर तक सहज ही फैल जाने वाली गंध की स्वामिनी है, जिसकी खुशबू सबका मन मोह लेती है। आइए जानें हींग से कैसे रखें अपने स्वास्थ्य को चुस्त-दुरुस्त...  Asafoetida protects our health. Asafoetida is the owner of a very pungent and easy-to-spread odor, whose scent captivates everyone. Let's know how to keep your health healthy with asafoetida ... * हिचकी, डकार या उल्टी होने पर केले के गूदे में मटर के दाने बराबर हींग रखकर खाने से वमन, डकार, हिचकी बंद हो जाएगी।  If there is hiccup, belching or vomiting, eating asafetida equal to peas in banana pulp will stop vomiting, belching, hiccups. * जिनकी स्मरण शक्ति कमजोर हो उन्हें दस ग्राम हींग भूनी, बीस ग्राम काला नमक और अस्सी ग्राम बाय-बडंग पीसकर तीनों को मिलाकर रोज थोड़ा-थोड़ा गर्म पानी के साथ फाँकना चाहिए। याददाश्त दुरुस्त होगी।  Those whose memory power is weak, they should grind ten grams asafetida, twenty grams black s...