पीठ दर्द में क्या करें ? जानने के लिए इसे पढ़े What to do in back pain? Read it to know.
आज
के समय में हर कोई अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहता है। हर किसी को यही
चिंता लगी रहती है की आज कितनी कमाई हुई। किसी के पास इतना समय नहीं है की
अपने स्वास्थ्य की ओर ठीक प्रकार से ध्यान दे पाए। यदि किसी को कोई
प्रॉब्लम हो जाती है तो उसे छोटी सी मानकर उस ओर ध्यान नहीं देते जिससे वो
समस्या धीरे धीरे बढ़ने लगती है और गंभीर रूप धारण कर लेती है। इसके बाद वो
व्यक्ति लंबे समय के लिए उस परेशनी से ग्रस्त रहता है। इसी प्रकार की एक
समस्या है पीठ दर्द। जो किसी को भी हो सकती है।
In today's time, everyone is busy with their daily routine. Everyone is worried about how much money is earned today. No one has enough time to pay proper attention to his health. If someone has a problem, do not consider it as a small problem, due to which the problem starts to grow slowly and takes serious form. After that the person suffers from that paranoia for a long time. A similar problem is back pain. That can happen to anyone.
आज
की भाग दौड़ भरी जिंदगी में पीठ दर्द पीठ दर्द होना आम बात है। अधिक समय तक
बैठे रहने, झटके से खड़े होने और गिरने जैसे कई कारणों से ये समस्या
उत्पन्न हो सकती है। आज कल क्या बच्चे और क्या बड़े सभी में ये समस्या देखी
जा सकती है। जहा एक ओर पुरुषो में ये समस्या कुर्सी पर अधिक देर तक बैठने
और अधिक सीढिया चढ़ने से होती है वही दूसरी ओर महिलाओ में ये समस्या हाइ
हील्स पहनने और मासिक धर्म के दौरान होती है। कोई कितने भी प्रयास कर ले इस
समस्या से बच नहीं पाता।
Back pain Back pain is common in today's run-of-the-mill life. These problems can arise due to several reasons such as sitting for long periods of time, standing jerks and falling. Nowadays, this problem can be seen in all children and older people. While in men, this problem is caused by sitting on the chair for a long time and climbing up the stairs, on the other hand, this problem occurs in women wearing high heels and during menstruation. No amount of effort can be saved from this problem.
पहले
के समय में इक्का-दुक्का लोग ही पीठ दर्द से पीड़ित रहते थे लेकिन आज कल
जिसे देखो वही अपनी कमर और पीठ दर्द को लेकर परेशान रहता है। इसका असल कारण
ये है की पहले के समय के लोग भरपूर आहार और पुरे पोषक तत्वो से परिपुर्ण
भोजन का सेवन करते थे जिसके कारण उनके शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी नहीं
होती थी। लेकिन आज के समय के लोगो की दिनचर्या इतनी व्यस्त है की उनका पास
इसका समय ही नहीं है।
In the earlier times, only a few people used to suffer from back pain, but nowadays, whoever they see is worried about their back and back pain. The real reason for this is that the people of earlier times used to eat food full of rich diet and whole nutrients due to which there was no deficiency of any nutrient in their body. But the routine of today's people is so busy that they have no time for it.
पीठ दर्द पीठ में होने वाले दर्द को कहते है ये दर्द मांसपेशियों, हड्डियो और रीड की हड्डी में होता है। शोध के अनुसार हर 5 में से 2 व्यक्ति इस समस्या से परेशान रहते है। क्या आपको भी झुकने में तकलीफ़ होती है जिसकी वजह से ज़मीन पर पड़ी वस्तु को आप उठा नहीं पाते ?
Back pain is called back pain, which occurs in muscles, bones and reed bones. According to research, 2 out of every 5 people are troubled by this problem. Do you also have trouble bending due to which you cannot lift the object lying on the ground?
क्या आप भी अधिक समय तक एक
स्थान पर नहीं बैठ पाते ? यदि हां, तो देर मत कीजिये तुरंत अपनी इस समस्या
की ओर ध्यान दे। आज हम इसी आम समस्या के उपायो के बारे में बताने जा रहे है
जिनकी मदद से आप आसानी से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। तो आइए जानते
है पीठ दर्द दूर करने के उपाय !!
Do you not even sit in one place for long? If yes, do not delay and immediately pay attention to your problem. Today we are going to tell about the solutions of this common problem, with the help of which you can easily get rid of this problem. So let's know the solution to relieve back pain !!
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पीठ दर्द होने के क्या कारण है ?
सीधे ना बैठना या चलना
जोड़ो का घिस जाना
चोट लगने के कारण
पीठ पर अधिक बोझ लादकर चलने से
रीढ़ की हड्डी के खिसक जाने से
व्यायाम न करने से
व्यायाम करते समय शरीर पर अधिक ज़ोर डालने से
संतुलित भोजन का सेवन न करने से
ठीक प्रकार से ना सोने से
फोम के गद्दे पर सोना,
घंटो तक एक ही जगह पर बैठे रहने से
झटके से झुकने या खड़े होने से
सर्जिकल डीलिवरी
मोटापे के कारण भी हो सकता है पीठ दर्द
बहुत अधिक मानसिक दबाव, तनाव, चिन्ता और थकावट के कारण पीठ की मांसपेशियों में तनाव पैदा हो जाता है जो पीठ दर्द का कारण बनता है
Dr.Manoj Bhai Rathore
Ayurveda doctor
Email id:life.panelbox@gmail.com
क्या करे क्या न करे(स्वास्थ्य सुझाव)What to do, what not to do (health tips)
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आवश्यक दिशा निर्देश
1.
हमारा आपसे अनुरोध है कि यदि आप किसी भी तरह के रोग से पीड़ित हैं तो आपको
अपना इलाज किसी अनुभवी चिकित्सक की देख-रेख में ही कराना चाहिए क्योंकि
बिना चिकित्सक की सलाह के दवा लेना और एकसाथ एक से अधिक पैथियों का प्रयोग
करना हानिकारक हो सकता है।
2.
अगर हमारी वेबसाइट में दिए गए नुस्खों या फार्मूलों से आपको किसी भी
प्रकार की हानि होती है, तो उसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे, क्योंकि इन
नुस्खों को गलत तरीके से लेने के कारण ये विपरीत प्रभाव उत्पन्न कर सकते
हैं। इसके अलावा आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रभाव रोगी की प्रकृति, समय और
जलवायु के कारण अलग-अलग होता है।
3.
औषधि का सेवन करते समय आपको अपने खान-पान (पथ्यापथ्य) का पूरा ध्यान
रखना चाहिए क्योंकि किसी भी रोग में औषधि के प्रयोग के साथ-साथ परहेज भी
रोग को ठीक करने में महत्वपू्र्ण भूमिका निभाता है।
4.
रोगी को कोई भी दवा देने से पहले यह जानना आवश्यक है कि रोग की उत्पत्ति
किस कारण से हुई है। जिस कारण से रोग पैदा हुआ है उसकी पूरी जानकारी रोगी
से लेनी बहुत जरूरी होती है, क्योंकि अधूरे ज्ञान के कारण रोगी का रोग कुछ
होता है और उसे किसी अन्य रोग की औषधि दे दी जाती है। इसके परिणामस्वरूप
रोगी की बीमारी समाप्त होने के बजाय असाध्य रोग में बदल जाती है।
5.
शरीर को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाने के लिए शुद्ध आहार की जानकारी बहुत ही
जरूरी है, क्योंकि इस जानकारी से आप असाध्य से असाध्य रोग को जड़ से समाप्त
कर शरीर को पूर्ण रूप से रोग मुक्त कर सकते हैं।
6. प्रत्येक पैथी में कुछ दवाईयां कुछ रोगों पर बहुत ही असरदार रूप से प्रभावकारी होती हैं।
7.
प्रत्येक पैथी का अविष्कार आवश्यकता पड़ने पर ही हुआ है क्योंकि एक जवान
और मजबूत आदमी को मसाज, एक्यूप्रेशर, एक्यूपेंचर, हार्डपेथियों एवं
औषधियों द्वारा लाभ पहुंचाया जा सकता है लेकिन असाध्य रोग से पीड़ित,
शारीरिक रूप से कमजोर और बूढ़े रोगियों पर इन पेथियों का उपयोग नहीं किया
जा सकता है।
8.
आयुर्वेद और होम्योपैथिक के सिद्धांत बिल्कुल मिलते-जुलते हैं क्योंकि
आयुर्वेद से ही होम्योपैथिक की उत्पत्ति हुई है जैसे- जहर को जहर द्वारा ही
उतारा जा सकता है, कांटे को कांटे से ही निकाला जा सकता है।
9.
रोगी के लक्षणों की जांच के दौरान चिकित्सक को तीन बातों का विशेष रूप से
ध्यान रखना चाहिए, पहला-देखना, दूसरा-स्पर्श (छूना) और तीसरा- प्रश्न
करना या रोगी से सवाल पूछना। महान ऋषि ‘सुश्रुत’ के अनुसार कान, त्वचा,
आंख, जीभ, नाक इन 5 इन्द्रियों के माध्यम से किसी भी तरह के रोग की
वास्तविकता की आसानी से पहचान की जा सकती है।
10.
चिकित्सक को चाहिए कि, वह तीमारदार (रोगी की देखभाल करने वाला) से रोगी
की शारीरिक ताकत, स्थिति, प्रकृति आदि की पूरी जानकारी लेने के बाद ही
उसका इलाज करे।
11.
चिकित्सक को इलाज करने से पहले रोगी को थोड़ी-सी दवा का सेवन कराके इस बात
का अध्ययन करना चाहिए कि यह दवा रोगी की शारीरिक प्रकृति के अनुकूल है या
नहीं।
12.
जिस प्रकार व्याकरण के पूर्ण ज्ञान के बिना शिक्षक योग्य नहीं हो पाता है,
उसी प्रकार से बीमारी के बारे में पूरी जानकारी हुए बिना किसी प्रकार की
औषधि का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि हर औषधि के गुण-धर्म और दोष
अलग-अलग होते हैं।
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