Skip to main content

पेट दर्द के घरेलू उपचार Home remedies for stomach ache

पेट दर्द के घरेलू उपचार Home remedies for stomach ache

पेट में दर्द होना एक आम समस्या है ,जिससे लगभग सभी व्यक्तियों को जीवन में बार बार सामना करना पड़ता है | इनके कई अलग अलग काऱण हो सकते है । पेट दर्द के मुख्य कारण कब्ज का होना, ज्यादा गैस बनना, अपच, विषाक्त भोजन सेवन करना आदि सकता हैं।यहाँ पर हम कुछ आसान से उपाय बता रहे है जिसको करके आप पेट दर्द में आराम प्राप्त कर सकते है ।

 Abdominal pain is a common problem that almost all people have to face again and again in life. They can have many different angles. The main causes of stomach pain can be constipation, excessive gas, indigestion, consuming toxic food, etc. Here we are giving some easy remedies by which you can get relief in stomach pain.

  • पेट दर्द मे हींग बहुत ही लाभकारी है। 5 ग्राम हींग थोडे पानी में पीसकर पेस्ट बनाएं। इसे नाभी पर और उसके आस पास लगायें फिर क़ुछ देर लेटे रहें। इससे पेट की गैस निकल जायेगी और दर्द में राहत मिलेगी ।
  • Asafoetida is very beneficial in stomachache. Make a paste by grinding 5 grams asafoetida in a little water. Apply it on the navel and around it, then lie down for a while. This will remove stomach gas and relieve pain.
 
  • जीरा पेट दर्द मे बहुत हि लाभदायक है । जीरा को तवे पर भून ले । 2-3 ग्राम की मात्रा गरम पानी के साथ दिन मे 3-4 बार लें या वैसे ही चबाकर खाये शीघ्र लाभ प्राप्त होता है।
  •  Cumin is very beneficial in stomach pain. Fry the cumin seeds on a griddle. Take 2-3 grams quantity of hot water 3-4 times a day or chew it and eat it soon.
  • 10 ग्राम तुलसी का रस पीने से पेट की मरोड़ व दर्द जल्दी ही ठीक होता है।
  • Drinking 10 grams of basil juice can cure abdominal cramps and pain soon.
  • त्रिफला का 100 ग्राम चूर्ण में 75 ग्राम चीनी मिलालें इस चुर्ण का 5 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 -3 बार पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट की सभी बीमारियां समाप्त होती हैं।
  • Mix 75 grams sugar in 100 grams powder of Triphala and take 5 grams this powder with water 2-3 times a day. It eliminates all stomach diseases.
  • सूखा अदरक को मुहं मे चूसने से पेट दर्द में तुरन्त राहत मिलती है।
  •  Sucking dry ginger in mouth provides instant relief in stomachache.
  • पेट दर्द में पानी में थोडा सा मीठा सोडा डालकर पीने से फ़ायदा होता है।
  • Taking a little sweet soda in water for stomach pain is beneficial.
  • बिना दूध की चाय पीने से भी पेट दर्द में आराम मेहसूस होता हैं।
  • Drinking tea without milk also gives relief in stomach ache.
  • अजवाईन तवे पर भून लें। इसको काला नमक के साथ मिलाकर 2-3 ग्राम गरम पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से पेट के दर्द में शीघ्र आराम मिलता है।
  • Fry on a griddle. Mixing it with black salt and taking 2-3 grams of it with warm water thrice a day provides quick relief in stomachache.
  • एक चम्मच अदरक के रस में 2 चम्मच नींबू का रस और थोडी सी चीनी मिलाकर दिन मे 3 बार लेने से भी पेट दर्द में आराम मिलता है।
  • Mixing 2 teaspoons of lemon juice and a little sugar in one teaspoon of ginger juice and taking it thrice a day provides relief in stomachache.
  • किसी भी पेट दर्द में केला खाना लाभकारी होता है। केला एक पोषक आहार होता है। केले का सेवन से पेट दर्द में शीघ्र आराम मिलता है।*नींबू के रस में काला नमक, जीरा, अजवायन चूर्ण मिलाकर दिन में तीन चार बार लेने से पेट दर्द से आराम मिलता है।
  • Eating banana is beneficial in any stomach pain. Banana is a nutritious diet. Taking banana provides quick relief in stomachache. * Taking black salt, cumin, parsley powder mixed with lemon juice three to four times a day relieves stomach pain.
  • हरा धनिया का रस एक चम्मच शुद्ध घी मे मिलाकर लेने से पेट के दर्द में शीघ्र आराम मिलता है।
  • Taking one teaspoon of green coriander juice mixed with pure ghee provides quick relief in stomachache.
  • अनार पेट दर्द मे बहुत लाभदायक माना गया है। अनार के बीज थोडी मात्रा में नमक और काली मिर्च के साथ दिन में दो तीन बार लें।
  •  Pomegranate is considered very beneficial in stomach pain. Take pomegranate seeds two to three times a day with a small amount of salt and pepper.
  • मूली की चटनी, अचार, सब्जी या मूली पर नमक, काली मिर्च डालकर खाने से पेट के सभी रोग दूर होते है।
  •  All the diseases of the stomach are cured by eating radish sauce, pickle, vegetable or radish with salt, pepper.
  • चौलाई की सब्जी बनाकर खाने से पेट की सभी बीमारियां समाप्त होती है।
  •  All the diseases of the stomach are eliminated by eating Chaulai vegetable.
  • सौंठ का 1 चम्मच चूर्ण और सेंधा नमक को एक गिलास पानी में गर्म करके पीने से पेट दर्द खत्म हो जाता है।
  •  Heat one spoon powder of dry ginger and rock salt in a glass of water and take, it ends stomachache.
  • इसबगोल को दूध के साथ रात को सोते वक्त लेते रहने से पेट के दर्द में आराम मिलता है ।
  •  Taking Isabgol with milk while sleeping at night provides relief in stomachache.
  • प्याज को आग में गर्म करके रस निकाल लें और इस रस में नमक मिलाकर पीएं। इससे भी पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
  • Take out the juice by heating the onion in a fire and drink salt mixed with this juice. This also cures abdominal pain.
  • दो चम्मच ग्राम सौंफ़ रात भर एक गिलास पानी में गलाएं इसे सुबह खाली पेट छानकर पीयें पेंट दर्द मे आराम मिलता है ।
  • Thaw two teaspoons gram fennel in a glass of water overnight and filter it on an empty stomach in the morning and drink, it provides relief in pain.


Dr.Manoj Bhai Rathore
Ayurveda doctor
Email id:life.panelbox@gmail.com
  क्या करे क्या न करे(स्वास्थ्य सुझाव)What to do, what not to do (health tips)
Self site:-see you again search आप फिर से खोज देखें

                                                        yourselfhealthtips.blogspot.com
आवश्यक दिशा निर्देश
1. हमारा आपसे अनुरोध है कि यदि आप किसी भी तरह के रोग से पीड़ित हैं तो आपको अपना इलाज किसी अनुभवी चिकित्सक की देख-रेख में ही कराना चाहिए क्योंकि बिना चिकित्सक की सलाह के दवा लेना और एकसाथ एक से अधिक पैथियों का प्रयोग करना हानिकारक हो सकता है।
2. अगर हमारी वेबसाइट में दिए गए नुस्खों या फार्मूलों से आपको किसी भी प्रकार की हानि होती है, तो उसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे, क्योंकि इन नुस्खों को गलत तरीके से लेने के कारण ये विपरीत प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। इसके अलावा आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रभाव रोगी की प्रकृति, समय और जलवायु के कारण अलग-अलग होता है।
3. औषधि का सेवन करते समय आपको अपने खान-पान  (पथ्यापथ्य)  का पूरा ध्यान रखना चाहिए  क्योंकि किसी भी रोग में औषधि के प्रयोग के साथ-साथ परहेज भी रोग को ठीक करने में महत्वपू्र्ण भूमिका निभाता है।
4. रोगी को कोई भी दवा देने से पहले यह जानना आवश्यक है कि रोग की उत्पत्ति किस कारण से हुई है। जिस कारण से रोग पैदा हुआ है उसकी पूरी जानकारी रोगी से लेनी बहुत जरूरी होती है, क्योंकि अधूरे ज्ञान के कारण रोगी का रोग कुछ होता है और उसे किसी अन्य रोग की औषधि दे दी जाती है। इसके परिणामस्वरूप रोगी की बीमारी समाप्त होने के बजाय असाध्य रोग में बदल जाती है।
5. शरीर को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाने के लिए शुद्ध आहार की जानकारी बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इस जानकारी से आप असाध्य से असाध्य रोग को जड़ से समाप्त कर शरीर को पूर्ण रूप से रोग मुक्त कर सकते हैं।
6. प्रत्येक पैथी में कुछ दवाईयां कुछ रोगों पर बहुत ही असरदार रूप से प्रभावकारी होती हैं।
7. प्रत्येक पैथी का अविष्कार आवश्यकता पड़ने पर ही हुआ है क्योंकि एक जवान और मजबूत आदमी को मसाज, एक्यूप्रेशर,  एक्यूपेंचर, हार्डपेथियों एवं औषधियों द्वारा लाभ पहुंचाया जा सकता है लेकिन असाध्य रोग से पीड़ित, शारीरिक रूप से कमजोर और बूढ़े रोगियों पर इन पेथियों का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
8. आयुर्वेद और होम्योपैथिक के सिद्धांत बिल्कुल मिलते-जुलते हैं क्योंकि आयुर्वेद से ही होम्योपैथिक की उत्पत्ति हुई है जैसे- जहर को जहर द्वारा ही उतारा जा सकता है, कांटे को कांटे से ही निकाला जा सकता है।
9. रोगी के लक्षणों की जांच के दौरान चिकित्सक को तीन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, पहला-देखना,  दूसरा-स्पर्श  (छूना)  और तीसरा- प्रश्न करना या रोगी से सवाल पूछना। महान ऋषि ‘सुश्रुत’ के अनुसार कान,  त्वचा,  आंख,  जीभ, नाक इन  5 इन्द्रियों के माध्यम से किसी भी तरह के रोग की वास्तविकता की आसानी से पहचान की जा सकती है।
10. चिकित्सक को चाहिए कि, वह तीमारदार  (रोगी की देखभाल करने वाला)  से रोगी की शारीरिक ताकत,  स्थिति,  प्रकृति आदि की पूरी जानकारी लेने के बाद ही उसका इलाज करे।
11. चिकित्सक को इलाज करने से पहले रोगी को थोड़ी-सी दवा का सेवन कराके इस बात का अध्ययन करना चाहिए कि यह दवा रोगी की शारीरिक प्रकृति के अनुकूल है या नहीं।
12. जिस प्रकार व्याकरण के पूर्ण ज्ञान के बिना शिक्षक योग्य नहीं हो पाता है, उसी प्रकार से बीमारी के बारे में पूरी जानकारी हुए बिना किसी प्रकार की औषधि का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि हर औषधि के गुण-धर्म और दोष अलग-अलग होते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

ततैया / मधुमख्खी के काटने पर उपचार Treatment on wasp / bee bite

ततैया / मधुमख्खी के काटने पर उपचार Treatment on wasp / bee bite उपचार - 1: Treatment - 1: काटे हुए स्थान पर तुरंत मिटटी का तेल लगाने से भी जलन शांत होती है, और सूजन भी नहीं आती. Applying soil oil immediately to the cut area also calms the burning sensation, and also does not cause inflammation.  उपचार - 2: Treatment - 2: ततैया के काटने पर, काटे हुए स्थान पर तुरंत नीम्बू का रस लगाए, दर्द, जलन और सूजन तुरंत ही ठीक हो जाएंगे. After cutting the wasp, apply lemon juice on the cut site, pain, burning and swelling will be cured immediately. उपचार - 3: Treatment - 3: ततैया के काटे जुए स्थान पर तुरंत खट्टा अचार मलने से, दर्द और जलन में तुरंत राहत मिलती है Rubbing sour pickles in the wasp's yoke area immediately, relieves pain and burning immediately. Dr.Manoj Bhai Rathore    Ayurveda doctor Email id:life.panelbox@gmail.com...

io

Dr. Manoj Bhai Rathore   Ayurveda Doctor Email id:life.panelbox@gmail.com क्या करे क्या न करे(स्वास्थ्य सुझाव)What to do, what not to do (health tips) Self site:-see you again search आप फिर से खोज देखें yourselfhealthtips.blogspot.com आवश्यक दिशा निर्देश 1. हमारा आपसे अनुरोध है कि यदि आप किसी भी तरह के रोग से पीड़ित हैं तो आपको अपना इलाज किसी अनुभवी चिकित्सक की देख-रेख में ही कराना चाहिए क्योंकि बिना चिकित्सक की सलाह के दवा लेना और एकसाथ एक से अधिक पैथियों का प्रयोग करना हानिकारक हो सकता है। 2. अगर हमारी वेबसाइट में दिए गए नुस्खों या फार्मूलों से आपको किसी भी प्रकार की हानि होती है, तो उसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे, क्योंकि इन नुस्खों को गलत तरीके से लेने के कारण ये विपरीत प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। इसके अलावा आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रभाव रोगी की प्रकृति, समय और जलवायु के कारण अलग-अलग होता है। 3. औषधि का सेवन करते समय आपको अपने खान-पान  (पथ्यापथ्य)  का पूरा ध्यान रखना चाहिए  क्योंकि किसी भी रोग में औषधि के प्रयोग के साथ-साथ परहेज भी रोग को ठीक करने में महत्...

धातुस्राव होने पर इन उपायों को अजमाएं/Try these remedies when there is a mismatch

धातुस्राव होने पर इन उपायों को अजमाएं/ Try these remedies when there is a mismatch १ * आप तुलसी की जड़ सुखाकर उसका चूर्णं बना लें। फिर यह चूर्णं एक ग्राम मात्रा में, एक ग्राम अश्‍वगंधा के चूर्णं में मिलाकर खाएं और ऊपर से दूध पी जाएं, आपको बहुत लाभ होगा। Dry the root of basil and make powder of it. Then eat this powder in one gram quantity, mixed with one gram powder of Ashwagandha and drink milk from above, you will benefit greatly. २ * बीस ग्राम उड़द की दाल का आटा लेकर उसे गाय के दूध में उबालें। फिर इसमें थोड़ा सा घी मिलाकर कुनकुना ही पी जाएं। इसका रोज सेवन करने से पेशाब की नली से धातु स्राव पूरी तरह बंद हो जाएगा। (उड़द की दाल सेक्‍स पावर बढ़ाने और उसकी समस्‍याओं को दूर करने में बहुत सहायक होती है) Take twenty grams of urad dal flour and boil it in cow's milk. Then add a little ghee to it and drink it only. By consuming it daily, the metal secretion from the urine tube will stop completely. (Urad Dal is very helpful in increasing the sex power and to overcome its problems) ३ * ५० ...