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अगर एलर्जी है तो न खाएं हल्दी Do not eat turmeric if allergic

 अगर एलर्जी है तो न खाएं हल्दी Do not eat turmeric if allergic

अगर एलर्जी है तो न खाएं : अगर आपको मसालों के सेवन से एलर्जी हो जाती है तो हल्दी का भी प्रयोग बंद कर दें. यह आपकी एलर्जी को और बढ़ा सकती है. 

Do not eat if you are allergic: If you are allergic to spices, then stop using turmeric too. This can increase your allergy further.


गॉलब्लैडर की समस्या : क्या आप जानते हैं कि हल्दी गॉलब्लैडर में स्टोन बनाने का भी काम कर सकती है. इसके अलावा यह गैस भी बनाती है. 


 Problem of Gallbladder: Do you know that turmeric can also work to make stone in a gallbladder. Apart from this, it also makes gas.

लिवर की समस्या बढ़ाए : जिन लोगों का लिवर बढ़ा हुआ है या फिर लिवर से संबंधित अन्य समस्याएं हैं, उन्हें हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए. इसमें मौजूद तत्व लिवर की समस्या को बढ़ा सकती है. 

 Increase liver problem: People who have enlarged liver or have other liver related problems should not consume turmeric. The ingredients present in it can increase the problem of liver.

प्रेगनेंट महिलाएं : कई प्रेगनेंट महिलाएं दूध में हल्दी डाल कर पीती हैं, जिससे उन्हें गोरा बच्चा पैदा हो. लेकिन हल्दी गर्भाशय का संकुचन, गर्भाशय में रक्त स्रव या गर्भाशय में ऐंठन पैदा कर सकती है.

 Pregnant women: Many pregnant women drink turmeric by adding milk, so that they give birth to a blond child. But turmeric can cause uterine contractions, uterine bleeding or uterine cramps.

गैस : ज्यादा हल्दी खाने से पेट में गैस की समस्या होती है. इससे डायरिया और कब्ज भी हो सकता है.

Gas: Eating more turmeric causes gas problems in the stomach. It can also cause diarrhea and constipation.


इम्यूनिटी घटाए : यह हमारी इम्यूनिटी सिस्टम को भी प्रभावित करती है. यह उसे कमजोर बना सकती है.


Decrease immunity: It also affects our immunity system. This can make him weak.


मतली : भोजन में अगर ज्यादा हल्दी हो तो, इंसान को मतली आने की भी गुंजाइश होती है. 


 Nausea: If there is too much turmeric in the food, then there is scope for a person to also have nausea.

माइग्रेन वालों के लिए बुरी : अगर आपको खाना खाने के बाद सिर में भारी दर्द हो जाए तो, इसका एक कारण हल्दी भी हो सकती है. 

 Bad for migraine: If you have severe headache after eating food, turmeric may be one of the reasons for this.

मधुमेह : मधुमेह रोगियों के लिए हल्दी अच्छी है लेकिन ज्यादा हल्दी के सेवन से ब्लड शुगर काफी अधिक कम हो जाती है. 

Diabetes: Turmeric is good for diabetics, but the intake of more turmeric reduces blood sugar significantly.

हम हल्दी रोज ही खाने में प्रयोग करते हैं. यह भारतीयों में प्रमुख प्रयोग करने वाला मसाला है. हल्दी के हमारे लिए हांलाकि अनगिनत स्वास्थ्य लाभ हैं, हल्दी को कटे, छिले और घाव पर मरहम के लिए इस्तमाल किया जाता है.

We use turmeric in food everyday. It is a major spice used among Indians. Although turmeric has many health benefits for us, turmeric is used to cut, peel and apply ointment on the wound.

कई लोग फेस पैक में डाल कर प्रयोग करते हैं, तो कई लोग इसे दूध में डाल कर पीते हैं. फिर भी इसकी ज्यादा मात्रा के सेवन से कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं. 

 Many people use it by putting it in face pack, then many people put it in milk and drink it. Nevertheless, the consumption of excess quantity can cause some side effects as well.

एक रिसर्च के मुताबिक, यह बात सामने आई है कि अधिक हल्दी के सेवन से आपकी त्वचा रूखी और खुजलीदार हो सकती है. यह गैस, कब्ज और मतली को भी बढ़ा सकती है. सामान्यता 240 से 500 मिग्रा हल्दी वो भी तीन बार में प्रयोग करने की हिदायत दी जाती है. हल्दी का अधिक सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.

According to a research, it has been revealed that the consumption of more turmeric can make your skin dry and itchy. It can also increase gas, constipation and nausea. Normally, 240 to 500 mg turmeric is also advised to be used thrice. Please consult your doctor once before consuming more turmeric.

इंर्फटिलिटी की समस्या : ज्यादा हल्दी खाने से इंर्फटिलिटी की भी समस्या हो जाती है, खासतौर पर पुरुषों को. इससे स्पर्म का प्रोडक्शन कम हो जाता है, ऐसा रिसर्च में कहा गया है. 


The problem of infertility: Eating more turmeric also leads to the problem of infertility, especially men. This reduces the production of sperm, it has been said in research.

खून की कमी : अगर आपको पहले से ही एनीमिया की शिकायत है तो, हल्दी का सेवन कम कर दें.

 Anemia: If you already have anemia, reduce the intake of turmeric.

सर्जरी के बाद हल्दी : यदि आपकी सर्जरी हुई हैं तो इसका ज्यादा मात्रा में सेवन बुरा है, हल्दी खाने से शरीर में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो जाती है. यह उनके लिए रिस्की हो सकता है जिनकी हाल ही में सर्जरी हुई हो. 

Turmeric after surgery: If you have undergone surgery, it is bad to consume it in excess, eating turmeric causes problems of blood clotting in the body. This can be risky for those who have had surgery recently.


ब्रेस्ट कैंसर : वैसे तो कई केस में हल्दी कैंसर सेल्स से लड़ने में सहायक होती है लेकिन दूसरे केस में यह भी देखा गया है कि यह ब्रेस्ट कैंसर को भी बढ़ावा देती है. 


 Breast Cancer: Although turmeric is helpful in fighting cancer cells in many cases, but in other cases it has also been seen that it also promotes breast cancer.

किडनी स्टोन : यह किडनी में स्टोन बनाने के काम में भी हिस्सेदार है. ज्यादा हल्दी लेने के साइड इफेक्ट.

 Kidney stone: It is also involved in the work of making stones in the kidney. Side effects of taking too much turmeric.

  Dr.Manoj Bhai Rathore
Ayurveda doctor
Email id:life.panelbox@gmail.com
  क्या करे क्या न करे(स्वास्थ्य सुझाव)What to do, what not to do (health tips)
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आवश्यक दिशा निर्देश
1. हमारा आपसे अनुरोध है कि यदि आप किसी भी तरह के रोग से पीड़ित हैं तो आपको अपना इलाज किसी अनुभवी चिकित्सक की देख-रेख में ही कराना चाहिए क्योंकि बिना चिकित्सक की सलाह के दवा लेना और एकसाथ एक से अधिक पैथियों का प्रयोग करना हानिकारक हो सकता है।
2. अगर हमारी वेबसाइट में दिए गए नुस्खों या फार्मूलों से आपको किसी भी प्रकार की हानि होती है, तो उसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे, क्योंकि इन नुस्खों को गलत तरीके से लेने के कारण ये विपरीत प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। इसके अलावा आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रभाव रोगी की प्रकृति, समय और जलवायु के कारण अलग-अलग होता है।
3. औषधि का सेवन करते समय आपको अपने खान-पान  (पथ्यापथ्य)  का पूरा ध्यान रखना चाहिए  क्योंकि किसी भी रोग में औषधि के प्रयोग के साथ-साथ परहेज भी रोग को ठीक करने में महत्वपू्र्ण भूमिका निभाता है।
4. रोगी को कोई भी दवा देने से पहले यह जानना आवश्यक है कि रोग की उत्पत्ति किस कारण से हुई है। जिस कारण से रोग पैदा हुआ है उसकी पूरी जानकारी रोगी से लेनी बहुत जरूरी होती है, क्योंकि अधूरे ज्ञान के कारण रोगी का रोग कुछ होता है और उसे किसी अन्य रोग की औषधि दे दी जाती है। इसके परिणामस्वरूप रोगी की बीमारी समाप्त होने के बजाय असाध्य रोग में बदल जाती है।
5. शरीर को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाने के लिए शुद्ध आहार की जानकारी बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इस जानकारी से आप असाध्य से असाध्य रोग को जड़ से समाप्त कर शरीर को पूर्ण रूप से रोग मुक्त कर सकते हैं।
6. प्रत्येक पैथी में कुछ दवाईयां कुछ रोगों पर बहुत ही असरदार रूप से प्रभावकारी होती हैं।
7. प्रत्येक पैथी का अविष्कार आवश्यकता पड़ने पर ही हुआ है क्योंकि एक जवान और मजबूत आदमी को मसाज, एक्यूप्रेशर,  एक्यूपेंचर, हार्डपेथियों एवं औषधियों द्वारा लाभ पहुंचाया जा सकता है लेकिन असाध्य रोग से पीड़ित, शारीरिक रूप से कमजोर और बूढ़े रोगियों पर इन पेथियों का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
8. आयुर्वेद और होम्योपैथिक के सिद्धांत बिल्कुल मिलते-जुलते हैं क्योंकि आयुर्वेद से ही होम्योपैथिक की उत्पत्ति हुई है जैसे- जहर को जहर द्वारा ही उतारा जा सकता है, कांटे को कांटे से ही निकाला जा सकता है।
9. रोगी के लक्षणों की जांच के दौरान चिकित्सक को तीन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, पहला-देखना,  दूसरा-स्पर्श  (छूना)  और तीसरा- प्रश्न करना या रोगी से सवाल पूछना। महान ऋषि ‘सुश्रुत’ के अनुसार कान,  त्वचा,  आंख,  जीभ, नाक इन  5 इन्द्रियों के माध्यम से किसी भी तरह के रोग की वास्तविकता की आसानी से पहचान की जा सकती है।
10. चिकित्सक को चाहिए कि, वह तीमारदार  (रोगी की देखभाल करने वाला)  से रोगी की शारीरिक ताकत,  स्थिति,  प्रकृति आदि की पूरी जानकारी लेने के बाद ही उसका इलाज करे।
11. चिकित्सक को इलाज करने से पहले रोगी को थोड़ी-सी दवा का सेवन कराके इस बात का अध्ययन करना चाहिए कि यह दवा रोगी की शारीरिक प्रकृति के अनुकूल है या नहीं।
12. जिस प्रकार व्याकरण के पूर्ण ज्ञान के बिना शिक्षक योग्य नहीं हो पाता है, उसी प्रकार से बीमारी के बारे में पूरी जानकारी हुए बिना किसी प्रकार की औषधि का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि हर औषधि के गुण-धर्म और दोष अलग-अलग होते हैं।

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