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सन टैनिंग हटाने के उपाय : Remedies to remove sun tanning:

सन टैनिंग हटाने के उपाय :Remedies to remove sun tanning


भले ही सर्दियां शुरू होने वाली है लेकिन इन दिनों तेज धूप काफी होती है जिस वजह से स्किन झुलसने लगती है। जिसे हम सनबर्न का नाम भी देते है। इससे चेहरा झुलस सा जाता है जिससे चेहरे की खूबसूरती भी कम लगने लगती है। ऐसे में बहुत सी महिलाएं सनबर्न क्रीम्स का इस्तेमाल तो करती है लेकिन इनके कई साइड -इफैक्ट्स भी होते है। काम आते है घरेलू नुस्खे। आज हम आपको सनबर्न स्किन से छुटकारादिलाने वाले कुछ प्रभावी नुस्खो के बारे में बताएंगे, जो काफी आसान भी है।

Even though winters are about to start but these days there is a lot of sunshine due to which the skin starts scorching. Which we also named Sunburn. The face gets blurred, and the beauty of the face is also low. In this way, many women use sunburn creams but they also have many side-effects. Work comes home remedies. Today we will tell you about some effective tips about getting rid of Sunburn Skin, which is also quite easy.


 1.आईस क्यूब Ice Cube

सनबर्न से प्रभावित स्किन पर आइस क्यूब घिसने से जलन कम होती है। इससे स्कि न टाइट होती है और चेहरे पर ग्लो आता है।


Burning ice cubes at sunburn affected skin is less irritable. The skin is tight and gives glow on the face.


2.शहद और नींबू Honey and lemon

शहद में नींबू का रस मिलाकर स्किन पर लगाएं। इससे जलन कम होगी और चेहरे का रंग साफ होगा।


Mix the lemon juice in the honey and apply it on the skin. This will reduce irritation and face color will be clean.


3.ठंडा दूध cold milk

ठंडे दूध को रूई की मदद से चेहरे पर लगाएं। इसमें मौजूद लैक्टिड एसिड स्किन को स्मूद और फेयर बनाता है।


Put cold milk on the face with cotton wool. The lactid acid contained in it makes the skin smooth and fair.


4.सोडा Leave

खाने वाले सोडे में पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे सनबर्न से प्रभावित स्किन पर लगाएं। इससे जलन और खुजली दूर होगी। चेहरे की रंगत में निखार आएगा।


Make a paste by mixing water with soya, and apply it on the skin affected by Sunburn. It will remove irritation and itching. The color of the face will be refined.


5.दही curd

ठंडे दही में प्रोबायोटिक्स, कैल्शियम, प्रोटीन मौजूद होता है जो स्किन पर ग्लो बनाएं ऱखता है और उसे मुलायम बनाता है।


The cold curd contains probiotics, calcium, proteins that make gloves on the skin and make it soft.


6.मुलतानी मिट्टी Multani soil

मुलतानी मिट्टी में दूध डालकर पेस्ट बनाएं। इससे चेहरे की जलन दूर होगी और ग्लो भी आएगा।



Make a paste by adding milk to multani soil. This will remove the irritation of the face and the glow will also come out.

Dr.Manoj Bhai Rathore 
Ayurveda doctor
Email id:life.panelbox@gmail.com
क्या करे क्या न करे(स्वास्थ्य सुझाव)What to do, what not to do (health tips)
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 yourselfhealthtips.blogspot.com

आवश्यक दिशा निर्देश
1. हमारा आपसे अनुरोध है कि यदि आप किसी भी तरह के रोग से पीड़ित हैं तो आपको अपना इलाज किसी अनुभवी चिकित्सक की देख-रेख में ही कराना चाहिए क्योंकि बिना चिकित्सक की सलाह के दवा लेना और एकसाथ एक से अधिक पैथियों का प्रयोग करना हानिकारक हो सकता है।
2. अगर हमारी वेबसाइट में दिए गए नुस्खों या फार्मूलों से आपको किसी भी प्रकार की हानि होती है, तो उसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे, क्योंकि इन नुस्खों को गलत तरीके से लेने के कारण ये विपरीत प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। इसके अलावा आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रभाव रोगी की प्रकृति, समय और जलवायु के कारण अलग-अलग होता है।
3. औषधि का सेवन करते समय आपको अपने खान-पान  (पथ्यापथ्य)  का पूरा ध्यान रखना चाहिए  क्योंकि किसी भी रोग में औषधि के प्रयोग के साथ-साथ परहेज भी रोग को ठीक करने में महत्वपू्र्ण भूमिका निभाता है।
4. रोगी को कोई भी दवा देने से पहले यह जानना आवश्यक है कि रोग की उत्पत्ति किस कारण से हुई है। जिस कारण से रोग पैदा हुआ है उसकी पूरी जानकारी रोगी से लेनी बहुत जरूरी होती है, क्योंकि अधूरे ज्ञान के कारण रोगी का रोग कुछ होता है और उसे किसी अन्य रोग की औषधि दे दी जाती है। इसके परिणामस्वरूप रोगी की बीमारी समाप्त होने के बजाय असाध्य रोग में बदल जाती है।
5. शरीर को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाने के लिए शुद्ध आहार की जानकारी बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इस जानकारी से आप असाध्य से असाध्य रोग को जड़ से समाप्त कर शरीर को पूर्ण रूप से रोग मुक्त कर सकते हैं।
6. प्रत्येक पैथी में कुछ दवाईयां कुछ रोगों पर बहुत ही असरदार रूप से प्रभावकारी होती हैं।
7. प्रत्येक पैथी का अविष्कार आवश्यकता पड़ने पर ही हुआ है क्योंकि एक जवान और मजबूत आदमी को मसाज, एक्यूप्रेशर,  एक्यूपेंचर, हार्डपेथियों एवं औषधियों द्वारा लाभ पहुंचाया जा सकता है लेकिन असाध्य रोग से पीड़ित, शारीरिक रूप से कमजोर और बूढ़े रोगियों पर इन पेथियों का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
8. आयुर्वेद और होम्योपैथिक के सिद्धांत बिल्कुल मिलते-जुलते हैं क्योंकि आयुर्वेद से ही होम्योपैथिक की उत्पत्ति हुई है जैसे- जहर को जहर द्वारा ही उतारा जा सकता है, कांटे को कांटे से ही निकाला जा सकता है।
9. रोगी के लक्षणों की जांच के दौरान चिकित्सक को तीन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, पहला-देखना,  दूसरा-स्पर्श  (छूना)  और तीसरा- प्रश्न करना या रोगी से सवाल पूछना। महान ऋषि ‘सुश्रुत’ के अनुसार कान,  त्वचा,  आंख,  जीभ, नाक इन  5 इन्द्रियों के माध्यम से किसी भी तरह के रोग की वास्तविकता की आसानी से पहचान की जा सकती है।
10. चिकित्सक को चाहिए कि, वह तीमारदार  (रोगी की देखभाल करने वाला)  से रोगी की शारीरिक ताकत,  स्थिति,  प्रकृति आदि की पूरी जानकारी लेने के बाद ही उसका इलाज करे।
11. चिकित्सक को इलाज करने से पहले रोगी को थोड़ी-सी दवा का सेवन कराके इस बात का अध्ययन करना चाहिए कि यह दवा रोगी की शारीरिक प्रकृति के अनुकूल है या नहीं।
12. जिस प्रकार व्याकरण के पूर्ण ज्ञान के बिना शिक्षक योग्य नहीं हो पाता है, उसी प्रकार से बीमारी के बारे में पूरी जानकारी हुए बिना किसी प्रकार की औषधि का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि हर औषधि के गुण-धर्म और दोष अलग-अलग होते हैं।

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